आजकल कई लोग कहते हैं—“मोबाइल देखे बिना नींद नहीं आती।” सोशल मीडिया स्क्रॉल करना, वीडियो देखना या मैसेज चेक करना रात की आदत बन गई है। लेकिन यह आदत हमारी नींद, मानसिक शांति और स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती है।
अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं, तो चिंता की जरूरत नहीं। कुछ सरल नियम और आध्यात्मिक अभ्यास अपनाकर आप मोबाइल की लत छोड़ सकते हैं और चैन की नींद पा सकते हैं।
नीचे दिए गए 10 नियम आपकी मदद करेंगे कि आप मोबाइल की लत से मुक्त होकर रात को बेहतर नींद लें।
1. जीवन की अंतिम रात्रि की तरह सोचें
सोते समय अपने मन को शांत करें और ऐसा महसूस करें जैसे यह आपकी जीवन की अंतिम रात है। एक योगी की तरह अपने इंद्रियों, विचारों और मानसिक ऊर्जा को संकुचित कर लें। इस दृष्टिकोण से आपका ध्यान मोबाइल से हटकर मानसिक शांति की ओर चला जाएगा। याद रखें, हर रात कीमती है, इसे केवल स्क्रीन देखने में बर्बाद न करें।
2. सोना है या मरना? सोच बदलें
सोते समय सोचें—“मैं नींद में जा रहा हूँ या मृत्यु में?” इस सोच से जीवन की नश्वरता याद आती है। कई लोग सोते हैं और कभी जागते नहीं। जब आप इस सचाई को समझेंगे, तो मोबाइल देखकर समय बर्बाद करने का मन नहीं करेगा। दिन का अंत शांति और आभार के साथ करना ज्यादा महत्वपूर्ण है।
3. शयन के नियम अपनाएं
हर दिन एक निश्चित समय पर बिस्तर पर जाएं, जैसे रात 10:00 बजे। यह समय सोने का नहीं, बस लेटने का है। लेटते समय भगवत चिंतन या नाम जप करें। इससे चाहे नींद तुरंत आए या न आए, आप तनावग्रस्त नहीं होंगे। मोबाइल को पास रखने से बचें और अपने आप को मानसिक शांति में डुबो दें।
4. प्रभु का चिंतन करें

जो लोग “नींद नहीं आ रही” की चिंता करते हैं, उन्हें नींद कम ही आती है। लेकिन जो प्रभु का चिंतन करते हैं, उन्हें पता भी नहीं चलता कि कब नींद आ गई। प्रभु के नाम में डूबकर आप मानसिक शक्ति को फिर से पा सकते हैं। इस समय मोबाइल के बजाय आध्यात्मिक अभ्यास करें।
5. रात का अंत सिर्फ नाम जप में करें
सोते समय कोई बातचीत न करें, कोई मोबाइल न देखें और न ही कोई वीडियो या दृश्य देखें। दिन का अंतिम अभ्यास केवल नाम जप होना चाहिए। यह आदत आपके मन को शांत करती है और सुबह उठते ही नाम जप का प्रभाव जारी रहता है।
6. नेत्र ब्रह्मचर्य का पालन
अगर सोने से पहले नेत्रों की सावधानी नहीं रखी, तो रात अशांत हो जाएगी। गलत चीजें देखकर सोना ब्रह्मचर्य को नुकसान पहुंचाता है—जागृति में नहीं तो स्वप्न में। इसलिए रात को मोबाइल या अनजाने दृश्य न देखें। इससे नींद शुद्ध और मानसिक शांति बनी रहती है।
7. विकारों से बचें
बिस्तर पर मोबाइल रखकर सोना बहुत हानिकारक है। यह आपका ध्यान खींचता है और मानसिक शांति को नष्ट करता है। मोबाइल की जगह अपने ध्यान को प्रभु की ओर केंद्रित करें। जब दिन का अंतिम समय सकारात्मक अभ्यास में बीतेगा, तो नींद भी गहरी और सुखद होगी।
8. प्रभु के चरणों में प्रार्थना करें
सोने से पहले मानसिक रूप से वृंदावन या अपने प्रभु को प्रणाम करें। मन में कहें—“हम जैसे भी हैं, हम आपके ही हैं।” यह छोटा सा अभ्यास आपके मन को शांत करता है और मोबाइल की लत को कम करने में मदद करता है।
9. सुबह पहला नाम प्रभु का
सुबह उठते ही मोबाइल न देखें। सबसे पहले प्रभु का नाम जप करें। गुरु को प्रणाम करें, कुछ भक्तों के नाम लेकर उन्हें प्रणाम दें और कम से कम 5 मिनट नाम जप करें। इसके बाद ही दिनचर्या की शुरुआत करें। इससे पूरा दिन मानसिक शांति और ऊर्जा से भरा रहेगा।
10. अनुशासन से लत को छोड़ें
मोबाइल की आदत अचानक नहीं छूटती। शुरुआती दिनों में नींद आने में परेशानी हो सकती है। लेकिन नियमित अभ्यास, समय पर शयन और नाम जप से यह लत धीरे-धीरे छूट जाएगी। अनुशासन ही आपको मानसिक शांति और बेहतर नींद देगा।
मोबाइल देखे बिना नींद नहीं आती—इसका महत्व
रात को मोबाइल का उपयोग नींद में बाधा डालता है। यह मेलाटोनिन हार्मोन को कम करता है और मानसिक थकान बढ़ाता है। लगातार मोबाइल देखने से तनाव, थकान और ध्यान में कमी हो सकती है। इन 10 नियमों को अपनाकर आप सिर्फ मोबाइल की आदत नहीं छोड़ेंगे, बल्कि मानसिक शांति, आत्म नियंत्रण और स्वास्थ्य भी वापस पाएंगे।
अतिरिक्त टिप्स: मोबाइल लत छोड़ने के लिए
- बिस्तर पर फोन न रखें – इसे अपने कमरे के दूसरे हिस्से में रखें।
- सोने से 30 मिनट पहले मोबाइल बंद करें – ब्रेन को आराम दें।
- हल्की प्राणायाम या ध्यान करें – नींद जल्दी आएगी।
- दिन में नियमित व्यायाम करें – इससे रात को नींद गहरी होगी।
- दिन का सारांश करें और आभार व्यक्त करें – मानसिक तनाव कम होता है।
इन छोटे बदलावों से आप धीरे-धीरे रात को मोबाइल की आदत से मुक्त हो जाएंगे।
FAQ: Neend nahi aati hai to kya kare
रात को नींद न आने पर मोबाइल, टीवी और अन्य स्क्रीन से दूर रहें। ध्यान, नाम जप और प्राणायाम करें। एक निश्चित सोने का समय अपनाने से नींद धीरे-धीरे खुद आनी शुरू हो जाएगी।
नींद न आने के पीछे मुख्य कारण हैं—तनाव, चिंता, मोबाइल या टीवी का इस्तेमाल, अनियमित सोने का समय और अधिक सोच-विचार। स्क्रीन की नीली रोशनी मेलाटोनिन हार्मोन को कम करती है, जो नींद को प्रभावित करता है।
रात में नींद न आने का कारण अक्सर मानसिक गतिविधियाँ, दिनभर का तनाव और मोबाइल का इस्तेमाल होता है। रात का रूटीन सरल और शांत बनाएं, जैसे ध्यान, प्रार्थना या नाम जप।
मोबाइल को रात में बिस्तर से दूर रखें। नाम जप, प्राणायाम और ध्यान से मन को शांत करें। धीरे-धीरे नींद बेहतर होगी और मोबाइल की लत कम होगी।
जी हां, ध्यान और प्राणायाम से नींद में सुधार हो सकता है। जब आप मानसिक शांति प्राप्त करते हैं, तो आपकी नींद स्वाभाविक रूप से बेहतर होती है। ध्यान से आपका मस्तिष्क शांत होता है और प्राणायाम से शारीरिक थकान दूर होती है। दोनों मिलकर नींद में मदद करते हैं, क्योंकि ये आपके शरीर और दिमाग को आराम की स्थिति में लाते हैं।
🙏 राधा वल्लभ श्री हरिवंश 🙏