पूज्य श्री प्रेमानन्द महाराज जी के बारे में (Shree Premanand ji Maharaj)

श्री धाम वृंदावन में विराजमान श्री श्यामा-श्याम के लाडले, संत श्री प्रेमानन्द गोविंद शरण महाराज जी, श्री वृंदावन में महाराज जी (Maharaj ji) के नाम से जाने जाते हैं। भारत के एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु, कथावाचक और संत हैं। 

श्री प्रेमानन्द महाराज जी का जन्म:

पूज्य श्री प्रेमानन्द महाराज जी (Premanand Maharaj ji) का जन्म 30 मार्च 1969, उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के सरसो नामक गाँव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। और उनके बचपन का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे था। बचपन से ही उनके परिवार में आध्यात्मिकता का वातावरण था, जिससे प्रभावित होकर उन्होंने 13 वर्ष की आयु में गृह त्यागकर ब्रह्मचारी जीवन अपनाये। 

महाराज जी (Maharaj ji) रात के 3 बजे घर से निकले थे। 15 किलोमीटर चलने के बाद जंगल में शिव जी का मंदिर आया बच्चे थे, 13 वर्ष की अवस्था थी भूखे थे। महाराज जी (Maharaj ji) सोच रहे थे की घर में तो माता जी खाना खिला देती थी, यहां कोन खिलाएगा, बहुत प्रशन मन में आकर परेशान कर दिये थे, किंतु महाराज जी (Maharaj ji) ने ढृढ़ निश्चय कर लिए थे । मर जाऊंगा पर घर वापस नहीं जाऊंगा जैसे भगवान रखेंगे वैसे रहूँगा भजन करूँगा ये निश्चित कर लिए थे। जब निकला हु तो भगवत प्राप्ति से ही बात बनेंगी ऐसे नहीं, दोपहर हो गया था। 

तभी एक आदमी आया उन्होने कहा महाराज जी से, ऐ बच्चा यहाँ एक सुरदास स्वामी रहते थे, उनकी कुटिया में ताला लगा है कही गए है क्या ? महाराज जी (Maharaj ji) ने कहा पता नहीं मैं तो आज ही सुबह आया था उस आदमी ने कहा सुनो एक कमंडल में दही लाये थे उनके लिए वो तो है नहीं हम घर वापस नहीं ले जा सकते तुम पिलो पहले-पहले दिन महाराज जी ने कहा नहीं नहीं उस आदमी ने कहा पिलो न में तो लाया ही इसलिए था। महाराज जी (Maharaj ji) में दही ले लिए जेसे ही पिये उन्हें रोना आया और महाराज जी को विश्वास हो गया प्रभु उनके साथ हैं।

आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत

प्रेमानंद महाराज जी (Premanand Maharaj ji) ने अपने आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत गंगा नदी के तट पर की, जहाँ उन्होंने ध्यान और साधना में समय बिताया। उनके गुरु श्री हित गोविंद शरण जी महाराज थे, जिनसे उन्होंने आध्यात्मिक शिक्षा प्राप्त की। वर्तमान में, उनका आश्रम ‘श्री हित राधा केली कुंज’ वृंदावन, उत्तर प्रदेश में स्थित है, जहाँ वे भक्ति और साधना के माध्यम से लोगों को मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। आज महाराज जी की कृपा से बहुत से लोगों का जीवन सुधर गया हैं।

महाराज जी (Maharaj ji) की दोनों किडनी खराब है, किन्तु उन्हें इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता, श्री जी (Shree Radha) की कृपा से महाराज जी श्री जी और प्रिया जु की भगति मे सदेव आनंद में डूबे रहते है। पूज्य महाराज जी (Maharaj ji) भक्तों को आध्यात्मिक मार्ग पर चलने का ज्ञान देते हैं। महाराज जी के सत्संग, भजन और राधा नाम कीर्तन हृदय को शुद्ध कर देते हैं, और लोगों को भक्ति व प्रेम के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।

प्रेमानंद जी महाराज को राधा रानी और श्री कृष्ण ने बहुत बार दर्शन दिए है अनेको रूप में। 

महाराज जी (Maharaj ji) ने अपने जीवन को श्रीकृष्ण और श्री राधा रानी जी के चरणों में समर्पित कर दिए है। उन्हें  वेद, पुराण, गीता और अन्य धार्मिक ग्रंथों का ज्ञान प्राप्त हो चुका है श्री जी और गुरुदेव की कृपा से।

🙏 राधा वल्लभ श्री हरिवंश 🙏