कीर्तन एवं जयकारा
जै-जै राधावल्लभ श्री हरिवंश । जै-जै श्रीवृन्दावन श्रीवनचंद ॥ जै-जै राधावल्लभ गुरु हरिवंश । जै-जै गुरु वृन्दावन गुरु वनचंद ॥ जै-जै राधावल्लभ हित हरिवंश । जै-जै हित वृन्दावन हित वनचंद ॥ जै-जै राधावल्लभ प्यारौ हरिवंश । जै जै प्यारौ वृन्दावन प्यारौ वनचंद ॥ जै-जै राधावल्लभ प्राण हरिवंश । जै जै प्राण वृन्दावन प्राण वनचंद ॥ … Read more