कीर्तन एवं जयकारा

जै-जै राधावल्लभ श्री हरिवंश

जै-जै श्रीवृन्दावन श्रीवनचंद ॥

जै-जै राधावल्लभ गुरु हरिवंश ।

जै-जै गुरु वृन्दावन गुरु वनचंद ॥

जै-जै राधावल्लभ हित हरिवंश ।

जै-जै हित वृन्दावन हित वनचंद ॥

जै-जै राधावल्लभ प्यारौ हरिवंश ।

जै जै प्यारौ वृन्दावन प्यारौ वनचंद ॥

जै-जै राधावल्लभ प्राण हरिवंश ।

जै जै प्राण वृन्दावन प्राण वनचंद ॥

जै जै राधावल्लभ जीवन हरिवंश ।

जै जै जीवन वृन्दावन जीवन वनचंद ॥

जै जै राधावल्लभ सर्वस्व हरिवंश ।

जै जै सर्वस्व वृन्दावन सर्वस्व वनचंद ॥

जै जै राधावल्लभ हित हरिवंश । 

जै जै हित सेवक रसिकनि अवतंश ॥

रँगीलौ राधावल्लभ हित हरिवंश …………

छबीलौ राधावल्लभ प्यारौ हरिवंश…..

रसीली राधावल्लभ जीवन हरिवंश….

जै जै हरिवंश जै जै हरिवंश ।

श्री हरिवंश जै जै जै हरिवंश ॥

जै जै श्यामा जै जै श्याम । जै जै श्रीवृन्दावन धाम ॥

पावन राधे तेरौ नाम । पावन श्रीवृन्दावन धाम 

मेरी श्यामा मेरौ श्याम । मेरौ श्रीवृन्दावन धाम ॥ 

प्यारी श्यामा प्यारौ श्याम । प्यारौ श्रीवृन्दावन धाम ॥ 

यह जोरी अविचल अभिराम । हृदय विराजौ आठौं याम ॥

जयकारा

जै-जै श्रीनवनिभृतनिकुञ्ज विलासी 

श्रीहित राधावल्लभलाल की जय ! 

ठा० श्री राधामोहन जू महाराज की जय !

ठा० श्री राधापिय जू महाराज की जय ! 

महाप्रभु श्रीहित हरिवंशचन्द्रजू महाराज कि जय ! 

श्रीहित सेवकजू महाराज की जय ! 

समस्त सहचरीवृन्द की जय ! 

श्रीवृन्दावन धाम की जय ! श्रीयमुना रसरानी की जय ! 

समस्त सन्त हरि भक्तन की जय ! 

श्रीसद्गुरुदेव भगवान् की जय ! 

जै जै श्रीराधे.. श्याम ! 

जै जै श्रीराधे.. श्याम ! 

जै जै श्रीराधे.. श्याम ! 

जै जै श्रीहित हरिवंश ! 

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