आत्महत्या करने वालों का आगे क्या होता है? — प्रेमानंद जी महाराज के दिव्य वचन

atmahatya karane valo ka aage kya hota h

आत्महत्या — यह शब्द सुनते ही मन व्याकुल हो उठता है। यह केवल एक शारीरिक अंत नहीं, बल्कि आत्मा की यात्रा में एक बड़ा अवरोध है। प्रेमानंद जी महाराज, जो आज के युग में लाखों लोगों को अध्यात्म का प्रकाश दे रहे हैं, आत्महत्या को सबसे बड़ा आध्यात्मिक अपराध बताते हैं। वे कहते हैं कि … Read more

क्रोध पर विजय: प्रेमानंद जी महाराज के सरल उपायों से पाएं मन की शांति

premanand ji maharaj ke saral upayo se krodh shant kare

क्रोध — यह वह अग्नि (fire) है जो न केवल हमारे मन को जलाती है, बल्कि हमारे रिश्तों, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक प्रगति को भी भस्म कर देती है। प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि क्रोध पर विजय ही आत्मिक शांति की कुंजी है। जब मन शांत होता है, तभी भक्ति में गहराई आती है और … Read more

भक्तों को कष्ट क्यों होता है? — प्रेमानंद जी महाराज का सरल संदेश

bhakto ko kasht kyu hota h

हर भक्त के मन में कभी न कभी यह सवाल जरूर आता है — भक्तों को कष्ट क्यों होता है? जब हम भगवान की भक्ति में लीन होते हैं, रोज उनका नाम लेते हैं, फिर भी जीवन में दुख और परेशानियाँ क्यों आती हैं?इसका सुंदर और गहरा उत्तर प्रेमानंद जी महाराज gurudev premanand ji maharaj … Read more

भगवान के नाम का टैटू बनवाना – आस्था या अपमान? प्रेमानंद जी महाराज की चेतावनी

God Name Tattoo

आज के समय में युवाओं के बीच टैटू बनवाने का शौक बहुत बढ़ गया है। कई लोग अपने शरीर पर डिज़ाइन, शायरी या अपनों के नाम के साथ-साथ भगवान के नाम का टैटू God name tattoo भी बनवाते हैं। उनका मानना होता है कि यह भगवान के प्रति उनकी भक्ति और श्रद्धा को दिखाता है। … Read more

ब्रह्मचर्य बनाए रखने के लिए इन 8 बुरी आदतों से रहें दूर

brahmacharya ki raksha kaise kare

ब्रह्मचर्य का पालन केवल सन्यासियों या तपस्वियों के लिए ही जरूरी नहीं है, बल्कि हर इंसान के लिए यह जरूरी है – चाहे वह छात्र हो, गृहस्थ हो या साधक। ब्रह्मचर्य का सीधा संबंध हमारे शरीर, मन और आत्मा की शुद्धता से है। यह जीवन को दिशा देता है और आत्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त … Read more

श्रीकृष्ण जी की कितनी पत्नियाँ थीं?

bhagwan shri krishna ji ki kitni patniya thi

श्रीकृष्ण, जो कि विष्णु के आठवें अवतार माने जाते हैं, केवल एक ऐतिहासिक या पौराणिक पात्र नहीं हैं, बल्कि वे जीवन के हर क्षेत्र में एक आदर्श के रूप में प्रतिष्ठित हैं। उनका जीवन कर्म, धर्म, भक्ति, प्रेम और करुणा का एक अनुपम संगम है। श्रीकृष्ण की लीलाएँ चाहे बाल्यकाल की हों, गीता का उपदेश … Read more

मुझे भगवान श्री हरि विष्णु के साक्षात दर्शन हो सकते  हैं,  नारायण नारायण नाम जप से! (Ekantik Vartalaap)

mujhe bhagawan shree hari vishnu ke saakshaat darshan ho sakate h

पूज्य महाराज जी का कहना है, कि जैसे बीमारी में केवल दवा से ही काम नहीं चलता, परहेज भी जरूरी होता है। वैसे ही भगवान के नाम का जाप (नारायण नारायण) करते समय यह आवश्यक है कि हम अपनी इच्छाओं पर संयम रखें। जब मन संतुष्ट, शांत और द्वेष रहित होता है, तभी भगवान नाम … Read more

क्या मुसीबत में भगवान से सहायता मांगना सही है?

bhagawan se sahayata maangani chahie, musibat or chunautiya aane par

जब जीवन में कठिनाइयाँ आती हैं, तो मन सबसे पहले किसी सहारे की तलाश करता है। कोई अपने मित्रों की ओर देखता है, कोई रिश्तेदारों की ओर, और कुछ लोग भगवान की शरण में चले जाते हैं। लेकिन क्या सच में भगवान से संकट में सहायता मांगना उचित है?  भगवान और हमारा संबंध भगवान हमारे … Read more

मन अशांत रहता है, कोई भी कार्य ध्यान लगाकर नहीं कर पाता!

man ashaant rahata hai

मेरा मन अशांत रहता है, इसलिए मैं कोई भी काम लगातार और पूरे मन से नहीं कर पाता। ध्यान जल्दी भटक जाता है और अधूरापन महसूस होता है। यह स्थिति मुझे थका देती है और आत्मविश्वास भी कम हो जाता है। मन को शांत करने के लिए सुबह जल्दी उठकर ध्यान, प्राणायाम और भजन करना … Read more

घर-गृहस्थी छोड़कर सन्यास लेने का मन हो रहा है, तो क्या किया जाए?

Sannyasa marg

क्या सत्संग सुनने के बाद आपके मन में भी घर-गृहस्थी छोड़कर सन्यास लेने और, वैरागी जीवन जीने का मन करता है? लेकिन फिर परिवार की ज़िम्मेदारियों का ख्याल आने लगता है? अगर मन अशांत है, तो जगह बदलने से शांति नहीं मिलेगी। सन्यास का मतलब सिर्फ वस्त्र बदलना नहीं होता, बल्कि मन की इच्छाओं, लालसाओं … Read more